हेडिंग्ले में हुए पहले टेस्ट मैच में एक रोमांचक मोड़ के तहत इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ 5 विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 371 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल कर लिया। यह इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी सफल रन चेज़ रही-2022 में भारत के खिलाफ ही 378 रनों का पीछा उनकी सबसे बड़ी जीत बनी हुई है। इस जीत से इंग्लैंड ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है।
भारत का रिकॉर्डतोड़ बल्लेबाज़ी प्रदर्शन
मैच के अधिकांश हिस्से पर भारत का दबदबा रहा, लेकिन फील्डिंग की चूक और कुछ मौके गंवाने की भारी कीमत टीम को चुकानी पड़ी, जिससे इंग्लैंड को वापसी का मौका मिला। यह नतीजा भारत की ऐतिहासिक बल्लेबाज़ी प्रदर्शन पर पानी फेर गया।
भारत ने टेस्ट इतिहास में पहली बार एक ही मैच में पांच शतकों का रिकॉर्ड बनाया-यह दर्शाता है कि उनकी बल्लेबाज़ी लाइनअप में कितनी गहराई और आक्रामकता है।
पहली पारी में यशस्वी जायसवाल (101) और कप्तान शुभमन गिल (147) ने दमदार शुरुआत दी। जायसवाल का आक्रामक खेल और गिल की संयमित पारी ने टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। मध्यक्रम में ऋषभ पंत ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते हुए 134 रन की तेज़तर्रार पारी खेली और स्कोर को 471 तक पहुंचाया।
दूसरी पारी में भी भारत का दबदबा कायम रहा। केएल राहुल ने 137 रन की ठोस पारी खेली, वहीं पंत ने एक और शतक (118) जमाकर इतिहास रच दिया-वे एक ही टेस्ट में दो शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने। दोनों पारियों को मिलाकर भारत का कुल स्कोर 835 रन रहा-जो आम तौर पर जीत सुनिश्चित करने के लिए काफी होता है।
इंग्लैंड की दमदार वापसी
आखिरी दिन 371 रन का लक्ष्य इंग्लैंड के सामने था और उन्हें कुछ विशेष करना था-जो उन्होंने किया।
ओपनर बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली ने पहले विकेट के लिए 188 रन की जबरदस्त साझेदारी की। डकेट को यशस्वी जायसवाल ने शुरुआत में जीवनदान दिया था, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और 149 रन की तूफानी पारी खेलकर भारत को मैच से बाहर कर दिया। वहीं क्रॉली ने 65 रन बनाकर अहम सहयोग दिया।
हालांकि जसप्रीत बुमराह की आक्रामक गेंदबाज़ी और शार्दूल ठाकुर के कुछ ब्रेकथ्रू ने इंग्लैंड पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन इंग्लैंड ने संयम नहीं खोया। इसके बाद जो रूट ने 53* रन की नाबाद क्लासिक पारी खेली, जबकि डेब्यू कर रहे जैमी स्मिथ (44*) ने शानदार धैर्य दिखाते हुए रूट के साथ साझेदारी कर इंग्लैंड को अंतिम सत्र में जीत दिला दी।
भारत को खली अधूरी पकड़
भारत की हार उन चूकों की वजह से हुई जो उन्होंने फील्डिंग में कीं। खासकर यशस्वी जायसवाल द्वारा छोड़े गए चार कैचों ने मैच की दिशा बदल दी-इनमें से एक कैच ने डकेट को दूसरी ज़िंदगी दे दी, जिससे उन्होंने भारत की हार की नींव रखी।
इसके अलावा, भारत की गेंदबाज़ी में निरंतर दबाव की कमी साफ दिखी। बुमराह ने भरपूर मेहनत की, लेकिन दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिलने के कारण इंग्लैंड को साझेदारी बनाने का मौका मिलता गया। निचले क्रम की बल्लेबाज़ी भी खास योगदान नहीं दे सकी, जिससे भारत बढ़त को और नहीं बढ़ा पाया।
शुभमन गिल की कड़वी कप्तानी शुरुआत
टेस्ट में पहली बार कप्तानी कर रहे शुभमन गिल ने माना कि टीम ने मौके बनाए लेकिन उन्हें भुना नहीं सकी।
गिल ने मैच के बाद कहा, “यह एक शानदार टेस्ट मुकाबला था। हमारे पास कई मौके थे, लेकिन हमने कैच छोड़ दिए और निचले क्रम से अपेक्षित योगदान नहीं मिल सका। इसके बावजूद, मैं टीम के प्रदर्शन पर गर्व करता हूं।”
हालांकि गिल की व्यक्तिगत बल्लेबाज़ी सराहनीय रही, लेकिन उनकी कप्तानी की शुरुआत एक सख्त सबक के साथ हुई-कि फील्डिंग में चूक और गेंदबाज़ी में अनुशासन की कमी से रिकॉर्ड भी हार में बदल सकते हैं।
भारत के लिए कड़वा इतिहास
भारत अब इतिहास में पहली ऐसी टीम बन गया है जिसने एक ही टेस्ट मैच में पांच शतक लगाने के बावजूद मैच गंवाया। इससे मिलती-जुलती घटना लगभग एक सदी पहले हुई थी, जब 1928/29 में ऑस्ट्रेलिया ने MCG पर एशेज टेस्ट में चार शतक के बावजूद हार झेली थी।
इंग्लैंड के लिए एक और “बाज़बॉल” सफलता
इंग्लैंड की यह जीत उनके आक्रामक और आधुनिक टेस्ट खेलने के दृष्टिकोण-जिसे "बाज़बॉल" कहा जाता है-की एक और बड़ी उपलब्धि है। इस शैली में बड़े लक्ष्य बाधा नहीं, बल्कि अवसर माने जाते हैं-और इंग्लैंड ने यह एक बार फिर साबित कर दिया।
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