रूस ने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य भागीदारी के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की

By सुखेश शानबाग Published: Friday, June 20, 2025, 8:31 [IST]

Russia Issues Warning Against USA Military Involvement In Middle East

मास्को: इज़रायल-ईरान युद्ध में संभावित अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करते हुए रूस ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। रूस ने कहा है कि, "मध्य पूर्व संघर्ष में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप स्थिति को और अधिक भड़काएगा।"

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने संवाददाताओं से कहा, “इस परिप्रेक्ष्य में, हम वाशिंगटन को सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ विशेष चेतावनी देना चाहते हैं। यह एक अत्यंत खतरनाक कदम है, जिसके गंभीर और अनपेक्षित नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान पर हमले में इज़रायल का साथ देने का संकेत देने के 24 घंटे के भीतर ही रूस ने संभावित अमेरिकी हस्तक्षेप के खिलाफ बयान जारी किया।

मध्य पूर्व में इस तरह के अमेरिकी फैसले से संघर्ष और गहरा हो सकता है - यह चिंता व्यक्त करते हुए रूस ने स्पष्ट किया कि वह इस कदम का कड़ा विरोध करता है।

रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भी अमेरिका को इज़रायल को प्रत्यक्ष सैन्य समर्थन देने के खिलाफ चेतावनी दी। “हम वाशिंगटन को ऐसे काल्पनिक और खतरनाक विकल्पों से सावधान करते हैं। इस तरह का कदम पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा,” रयाबकोव ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा।

इज़रायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करते हुए रूस ने यह भी स्वीकार किया कि मध्य पूर्व के देशों की चिंताएं जायज़ हैं। पिछले सप्ताह, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान को फोन कर हिंसा को रोकने की अपील की।

इस बीच, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से यह पूछा गया कि क्या रूस इज़रायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम लागू करने के लिए मध्यस्थता कर सकता है, तो उन्होंने संकेत दिया कि “रूस स्वतंत्र रूप से अपनी मध्यस्थता की कोशिशें जारी रख सकता है।”

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूएई नेता मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान से भी फोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने युद्ध को शीघ्र रोकने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे रूस की संभावित मध्यस्थता के रास्ते खुलते दिखाई दे रहे हैं।

वहीं, रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इज़रायल ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला करता है, तो “चेरनोबिल जैसी आपदा” हो सकती है। कुल मिलाकर, मध्य पूर्व संघर्ष को नियंत्रित करने में अमेरिका की भूमिका पर रूस के सवाल उठाने ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।

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By सुखेश शानबाग Published: Friday, June 20, 2025, 8:31 [IST]


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